School Holiday Diwali: आप लोगों को मालूम होगा कि आप भारत में त्योहारों का सीजन चालू हो चुका है. ऐसे में आने वाले दिनों में दुर्गा पूजा दीपावली छठ पूजा जैसे परम बनाए जाएंगे. ऐसे में राज्यों के अनुसार राज्यों में स्थित स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की जाएगी. ऐसे में हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल सितंबर में कितने दिन बंद रहेंगे. उसे संबंधित तैयारी सूचना जारी की जाएगी इसलिए आपको इंतजार करना पड़ेगा.
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अवकाश के बाद परीक्षा का नया कार्यक्रम
दिवाली अवकाश समाप्त होने के तुरंत बाद विद्यार्थियों के लिए द्वितीय परख परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। यह परीक्षा 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा का आयोजन सुचारू रूप से करने के लिए सभी स्कूलों को आवश्यक निर्देश भेज दिए गए हैं।
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शिविरा पंचांग में किया गया संशोधन
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अवकाश और परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद वरिष्ठ शासन सचिव ने नई तिथियों को स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही शिविरा पंचांग में भी आवश्यक संशोधन कर दिया गया है, जिससे सभी स्कूलों में एक समान कार्यक्रम लागू हो सके।
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पहले तय थीं अलग तिथियां
शुरुआत में दिवाली अवकाश 16 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक रखा गया था। वहीं, द्वितीय परख की परीक्षाएं 13 से 15 अक्टूबर के बीच आयोजित करने का कार्यक्रम बनाया गया था। लेकिन बाद में परिस्थितियों को देखते हुए इन तिथियों में बदलाव किया गया। अब विद्यार्थी पहले त्योहार का आनंद लेंगे और उसके बाद परीक्षा की तैयारी में जुट सकेंगे।
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विद्यार्थियों और अभिभावकों को मिली राहत
नई तिथियों से विद्यार्थियों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि त्योहार के दौरान पढ़ाई और परीक्षा का दबाव नहीं रहेगा। पहले बनी योजना में परीक्षा और त्योहार का समय आपस में टकरा रहा था, जिससे बच्चों पर अतिरिक्त तनाव था। अब उन्हें पर्याप्त समय मिलेगा कि वे त्योहार का आनंद लें और छुट्टियों के बाद मन लगाकर परीक्षा की तैयारी करें।
शिक्षकों की भूमिका और तैयारी
अवकाश से पहले शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को परीक्षा के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन मिल सके। वहीं, छुट्टियों के बाद वे पुनः पाठ्यक्रम की पुनरावृत्ति कराएंगे, ताकि परीक्षा से पहले छात्रों की शंकाएं दूर हो सकें। विभाग ने यह भी कहा है कि शिक्षकों को परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय पर पूरा करना होगा ताकि परिणाम में देरी न हो।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पर असर
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विद्यार्थियों को इस बदलाव से समान रूप से लाभ मिलेगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को त्योहार के दौरान अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का अवसर मिलेगा। वहीं, शहरी क्षेत्रों के छात्र त्योहार के बाद परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग और अन्य संसाधनों का बेहतर उपयोग कर पाएंगे।
त्योहार और पढ़ाई के बीच संतुलन
अक्सर अभिभावकों और छात्रों की यह शिकायत रहती है कि परीक्षाओं की तिथियां त्योहारों के आसपास होने से तैयारी प्रभावित होती है। इस बार सरकार ने इस पहलू को ध्यान में रखकर संशोधित कार्यक्रम घोषित किया है। अब छात्र निश्चिंत होकर त्योहार मना सकेंगे और उसके बाद पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह बदलाव विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
शिक्षा विभाग की पारदर्शी नीति
इस पूरे बदलाव में शिक्षा विभाग ने पारदर्शिता बनाए रखी है। पहले से तय कार्यक्रम को बदलते समय छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की सुविधा को प्राथमिकता दी गई। विभाग का कहना है कि शिक्षा से जुड़े हर निर्णय में बच्चों की भलाई को ध्यान में रखना ही प्रमुख उद्देश्य है
निष्कर्ष
राज्य सरकार का यह कदम विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए राहत लेकर आया है। 13 से 24 अक्टूबर तक मिलने वाला अवकाश छात्रों को त्योहार का भरपूर आनंद उठाने का अवसर देगा। वहीं, 25 से 28 अक्टूबर के बीच द्वितीय परख परीक्षा के आयोजन से यह सुनिश्चित होगा कि पढ़ाई भी प्रभावित न हो। पहले की योजना में मौजूद असमंजस अब खत्म हो गया है और नई तिथियों से सभी को स्पष्टता मिल गई है। यह फैसला न केवल छात्रों के लिए उपयोगी है बल्कि पूरे शैक्षणिक तंत्र को संतुलित बनाने वाला कदम भी है।